Uncategorized

  1. हँड़िया चढ़ा नोन को रोवे.अदूरदर्शी लोगों के लिए यह कहावत कही गई है. हँड़िया को चूल्हे पर चढ़ा कर नमक ढूँढ़ रहे हैं.
  2. हँसता ठाकुर खांसता चोरइनका समझो आया छोर.ठाकुर को अपने मातहतों से काम लेना होता है इसलिए उसका रोबीला और सख्त होना जरुरी है, हंसने वाला ठाकुर किसी काम का नहीं. इसी प्रकार चोर को खांसी हो जाए तो वह पकड़ जाएगा.
  3. हँसते हँसते घर बसता है. घर के लोग खुशमिजाज़ हों तो घर बस जाता है और झगड़ालू या शक्की हों तो घर उजड़ जाता है. 2. लड़का लड़की साथ बैठ कर हंसें बोलें तो उन में प्रेम हो जाता है.
  4. हँसना ठाकुरखंसना चोरअनपढ़ कायस्थकुल का बोर.ऊपर वाली कहावत की भांति. इसमें यह और जोड़ दिया गया है कि कायस्थ अगर पढ़ा लिखा नहीं होगा तो बेकार है.
  5. हँसिए दूर पड़ोसी नांही.दूर बैठे व्यक्ति की कितनी भी हंसी उड़ा लें पड़ोसी की हँसी नहीं उड़ानी चाहिए (सामने सामने किसी के ऊपर हँसने से दुश्मनी हो जाती है).
  6. हँसी की खसी हो जाती है.हँसी का परिणाम अकसर झगड़ा होता है. इस आशय की इंग्लिश में एक कहावत है – Better lose a jest, than a friend.
  7. हँसी तो फँसी.लडकियों को यह कह कर सावधान किया गया है.
  8. हँसी-हँसी में हसनगढ़ बस ग्या.(हरयाणवी कहावत) खुश रह कर काम करो तो बड़े बड़े काम हो जाते हैं.
  9. हँसुआ के ब्याह में खुरपी के गीत.बेमेल काम. ब्याह तो हंसुआ (हँसिया) का हो रहा है और गीत खुरपी के गाए जा रहे हैं.
  10. हँसे फँसेमुस्कुराए जेब में आए.अजनबियों को देख कर ज्यादा मुस्कुराना नहीं चाहिए, आप किसी के जाल में फंस सकते हैं.
  11. हंते को हनियेपाप दोष न गनिये.हत्यारे की हत्या करने में पाप नहीं लगता.
  12. हंस की चाल टिटहरी चली, टांग उठा के भू में पड़ी.बिना सोचे समझे किसी की नकल करने से नुकसान उठाना पड़ता है.
  13. हंस के मंत्री कौआ.जहाँ राजा अच्छा हो पर मंत्री धूर्त हों, हाकिम अच्छा हो पर उसके मातहत बदमाश हों.
  14. हंस बरन बैठक भई, सुआ बरन किलकोट, सिंह बरन गर्जन भई, गधा बरन भई लोट.(बुन्देलखंडी कहावत). बरन – के समान. कहावत में शराबियों की महफ़िल का वर्णन है- शुरुआत में हंसों की तरह शालीनता से बैठते हैं, फिर तोतों की तरह कोलाहल करते हैं, फिर और नशा चढने पर शेरों की तरह लड़ते भिड़ते हैं और अंत में गधों के समान लोट जाते हैं.
  15. हंसा थे सो उड़ गएकागा भए दीवान.योग्य व्यक्ति के जाने के बाद यदि मूर्ख और धूर्त व्यक्ति को पद मिल जाए तो.
  16. हंसिया रे तू टेढ़ा काहेअपने मतलब से.हंसिए से किसी ने पूछा कि तू टेढ़ा क्यों है. उसने कहा टेढ़ा हुए बिना मेरा काम कहाँ चलेगा.
  17. हंसों को सरवर बहुत, सरवर हंस अनेक.यह सही है कि दोनों को एक दूसरे की आवश्यकता है पर उन के पास विकल्प भी हैं.
  18. हग न सकें पेट को पीटें.अपनी अयोग्यता का दोष किसी और को देना.
  19. हगन की वेला गाँठ संभाले.किसी को जोर से शौच लगी हो और पजामे के नाड़े में कस कर गाँठ लगी हो तो बड़ी परेशानी हो जाती है. परेशानी खड़ी होने से पहले ही उस के निस्तारण का प्रबंध करना चाहिए.
  20. हगासा और उमगासा रोके नहीं रुकते.जिसे जोर से शौच लग रही हो और जो किसी काम को करने की ठान ले, ये दोनों रुकते नहीं हैं.
  21. हगासा लड़का नथनों से पहचाना जाता है.बहुत से छोटे बच्चे शौच लगने पर नथुने फुलाते हैं. अनुभवी लोग बहुत सी बातें शारीरिक भाषा (body language) से पहचानते हैं.
  22. हज का हजवनिज का वनिज.एक सयाना व्यक्ति हज करने गया. वहाँ से कुछ सामान ले आया जिसे उसने यहाँ आ कर बेच लिया और मुनाफ़ा कमा लिया. एक पन्थ दो काज.
  23. हजार आफतें हैं एक दिल लगाने में.किसी से प्रेम करने में बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.
  24. हजार जूतियाँ लगीं और इज्ज़त न गई.बहुत बेशर्म आदमी के लिए.
  25. हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले.जब व्यक्ति की बहुत सारी इच्छाएँ हों और कोई भी पूरी होने की संभावना न हो. 
  26. हज्जाम के आगे सबका सिर झुकता है.मौके पर सभी को सर झुकाना पड़ता है.
  27. हड़बड़ का काम गड़बड़.जल्दबाजी के काम में गड़बड़ होने की संभावना बहुत होती है.
  28. हड़बड़ी ब्याहकनपटी सिन्दूर.जल्दबाजी का काम बुरा होता है. हड़बड़ी में शादी कर रहे हैं तो सिंदूर मांग में लगाने की बजाए कनपटी पर लगा रहे हैं.
  29. हड्डी खाना आसान पर पचाना मुश्किल.गलत काम करना आसान है पर उससे होने वाले खतरे झेलना मुश्किल है. रिश्वतें ले कर काला धन कमाना आसान है पर उसे सफेद करना मुश्किल है.
  30. हड्डी मिलने पर कुत्ते का कोई दोस्त नहीं.ओछी प्रवृत्ति के लोग अपने स्वार्थ के आगे कोई दोस्ती या रिश्तेदारी नहीं देखते हैं.
  31. हत्यारी कुतिया, ग्यारस उपासी.ग्यारस – एकादशी. हत्यारी कुतिया एकादशी का व्रत कर रही है. कोई दुर्जन यदि धर्मात्मा बनने का ढोंग करे तो.
  32. हथकड़ी तो सोने की भी बुरी.कैदखाने में कितने भी आराम हों कैद बुरी ही होती है.
  33. हाथी हाथी कह कर गदहा मत ले आना.बहुत बड़ा आश्वासन दे कर छोटी चीज  ले आना.
  34. हम करें तो पापकृष्ण करें तो लीला.बहुत से काम ऐसे हैं जो महान लोग करते हैं तो उनकी महानता मानी जाती है और आम आदमी करे तो अपराध माना जाता है.
  35. हम क्यूँ कहें राजा के बेटे ने बछिया मारी है.दूसरे पर दोषारोपण भी करना यह भी कहना कि हम तो ऐसा नहीं कह रहे हैं. वैसे भी राजा के बेटे का सीधे सीधे दोष बताना खतरे से खाली नहीं है.
  36. हम चरावें दिल्ली, हमें चरावे गाँव की बिल्ली.हम इतने होशियार हैं कि दिल्ली वालों को उल्लू बना लेते हैं और ये गाँव की छोरी हमें बेवकूफ बना रही है.
  37. हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे.जो अपने डूबने के साथ दूसरों को भी डुबो देता हो.
  38. हम भी खेलेंगे, नहीं तो खेल बिगाड़ेंगे.वैसे तो यह बच्चों की कहावत है लेकिन दुष्ट प्रवृत्ति के बड़े लोगों पर भी सही बैठती है.
  39. हम रोटी नहीं खातेरोटी हमको खाती है.परिवार के लिए रोटी कमाने की चिंता इंसान को खा जाती है.
  40. हमपेशा सदा बैरी.एक ही पेशे के लोग सदैव एक दूसरे की काट करते हैं.
  41. हमाम में सभी नंगे.अरब देशों में पानी की बहुत कमी होने के कारण सामूहिक स्नानघरों (हमाम) का रिवाज़ था. जापान में भी ऐसे हमाम हुआ करते थे. कहावत को इस प्रकार प्रयोग करते हैं कि एक ही पेशे में काम करने वाले लोग या एक ही संगठन के लोग एक दूसरे की पोलें जानते हैं और यह जानते हैं कि ऊपर से संभ्रांत दिखने वाले लोग अंदर से कितने भ्रष्ट हैं.
  42. हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ.जब आपकी छत्रछाया में पलने वाला कोई व्यक्ति आपको ही आंखें दिखाएं तो यह कहावत कही जाती है.
  43. हमारे घर आओगे क्या लाओगेतुम्हारे घर आएंगे क्या खिलाओगे.केवल अपना स्वार्थ देखना.
  44. हमारे साथ रहोगे तो मजे में रहोगे.एक जाट शेखचिल्ली के साथ कहीं जा रहा था. रास्ते में सड़क पर एक मूंगफली पड़ी दिखी. शेखचिल्ली ने जाट से कहा, इसे उठाओ, जाट ने उठा लिया, अब छीलो, जाट ने छील दिया, अब खा लो. जाट ने मूंगफली खा ली. शेखचिल्ली बोला, हमारे साथ रहोगे तो मजे में रहोगे. आपसी हंसी मजाक में इस प्रकार की कहावतें बहुत बोली जाती हैं.
  45. हमीं से मांग लाएनाम रखा वसुन्धर.हम से मांग कर ग़रीबों में बांट रहे हैं और बड़े भारी दानी बन रहे हैं.
  46. हमेशा बचाएंसमयपैसाईमान.अर्थ स्पष्ट है.
  47. हम्माम की लुंगीजिसने चाहा बाँध ली.सामूहिक उपयोग की वस्तु. वैश्या के लिए भी कहा गया है.
  48. हर आदमी बुद्धिमान है, जब तक वह बोलता नहीं.जब तक कोई आदमी बोलता नहीं है, उस के विषय में अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह कितना बुद्धिमान है. कहावत के द्वारा यह सन्देश दिया गया है कि व्यक्ति को कम बोलना चाहिए और तोल कर बोलना चाहिए. यदि आप अधिक बोलते हैं तो इस बात की संभावना अधिक है कि आप बेबकूफ सिद्ध हो जाएं. इंग्लिश में कहावत है – Better be silent and pretend ignorance, than speaking out and proving it.
  49. हरएक के कान में शैतान ने फूंक मार दी, है तेरे बराबर कोई नहीं. शैतान के बारे में यह माना जाता है कि वह आदमी के दिमाग में गलत बातें भर कर लड़ाई झगड़े कराता है.  
  50. हर चिड़िया को अपना घोंसला प्यारा.हर जीव जन्तु को अपना घर प्यारा होता है.
  51. हर दे हरवाहा दे और गाड़ी हांके के डंडा दे.(भोजपुरी कहावत) हलहलवाहा और डंडा सब दीजिए. जो सब कुछ दूसरे से ही अपेक्षा करते हैं उनके लिए कहा गया है.
  52. हर बूँद मोती नहीं बनती.कोई कोई लोग ही उत्तम गुण विकसित कर पाते हैं.
  53. हर रात का एक सवेरा.संकट कितना भी बड़ा हो, कभी न कभी समाप्त होता है. After rain comes fair weather.
  54. हर शाख पे उल्लू बैठा हैअंजामे गुलिस्तां क्या होगा.यह उर्दू के एक प्रसिद्ध शेर की दूसरी लाइन है. (पहली लाइन है – बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफी था). चाहे कोई शेर, दोहा, चौपाई, श्लोक या सुभाषित हो, लोगों की जबान पर चढ़ जाए तो कहावत बन जाता है. किसी सरकारी दफ्तर में या राजनैतिक दल में सब एक से बढ़ कर एक हों तो यह कहावत कही जाती है.
  55. हर सीप में मोती नहीं मिलता.सभी व्यक्तियों में उत्तम गुण नहीं होते और हर घर में गुणवान लोग नहीं मिलते.
  56. हर हाल में मालाफूलों की या जूतों की.जीत कर आयेंगे तो लोग फूल मालाओं से स्वागत करेंगे, हार कर आयेंगे तो जूतों की माला पहनाएंगे.
  57. हरफनमौलाहरफन अधूरा.जो हर काम में टांग अड़ाता हो और कोई काम ठीक से न कर पाता हो उस के लिए.
  58. हराम का खाना और शलजम.हराम में खाने को मिल रहा हो तो शलजम क्यों खाएंगे, फिर तो बढ़िया माल खाएंगे.
  59. हराम की कमाई हराम में गँवाई.किसी का गलत तरीकों से कमाया गया धन बर्बाद हो जाए तो दूसरे लोग मजा लेने के लिए ऐसे बोलते हैं. (हराम का माल हराम में जाता है) (पाप का धन अकारथ जाए). इंग्लिश में कहते हैं – ill gotten, ill spent.
  60. हराम की कमाईधरमखाते में लगाईं.कुछ लोग गलत तरीकों से हासिल किए गए धन को धार्मिक कार्यों में लगा कर धर्मात्मा होने का ढोंग करते हैं.
  61. हराम चालीस घर ले के डूबता है.जो हराम की कमाई करता है वह खुद तो डूबता ही है, साथ में और बहुत से लोगों को भी ले डूबता है जो जाने अनजाने उस कमाई में साझेदार होते हैं.
  62. हरामजादे से खुदा भी डरता है.बेशर्म आदमी से भगवान भी डरते हैं. (नंग बड़े परमेश्वर से).
  63. हरि अनंत हरिकथा अनंता (कहहिं सुनहिं एहि विधि सब संता). ईश्वर अनंत है और ईश्वर की कथा का भी कोई आदि व अंत नहीं है.
  64. हरि बड़े कि हिरण बड़ा, शकुन बड़ा कि श्याम.किसी काम के लिए जाओ तो हिरन का दिखना बदशगुनी माना जाता है. हिरन को देख