1. माँ की ममता, प्यार पिता का
(विवाह समारोह में सब तरफ छाया हंसी खुशी का माहौल अचानक गमगीन हो जाता है. बेटी की विदाई के समय क्या स्त्री क्या पुरुष , सभी की आँखें भीग जाती हैं)
माँ की ममता, प्यार पिता का सब परिवार को छोड़ चली,
जिस माता ने जन्म दिया था, उसे तू रोता छोड़ चली,
शीश बनी के टीका सोहे, घुण्डी से मुंह मोड़ चली,
जिस दादी ने पाला पोसा, उसे अकेला छोड़ चली,
माँ की ममता – –
कान बनी के झूमर सोहे, बूंदे से मुंह मोड़ चली,
जिस पापा ने तुझे पढ़ाया उन्हें अकेला छोड़ चली,
माँ की ममता – –
गले बनी के कण्ठासोहे, लोकिट से मुंह मोड़ चली,
जिस ताई ने गोद खिलाया, उसे तू रोता छोड़ चली,
माँ की ममता – –
2. बंगला सूना हो जायेगा, ओ बन्नी तेरे बिना
बंगला सूना हो जायेगा, ओ बन्नी तेरे बिना,
घर किसको सुहायेगा ओ लाड़ो तेरे बिना।
दादी ने रो रो के आंखे सुजाई,
दादाजी हो गये बेहाल, ओ बन्नी तेरे बिना।
घर सूना हो जायेगा – –
मम्मी ने रो रो के आंखे सुजाई,
पापा जी हो गये बेहाल, ओ बन्नी तेरे बिना।
गलियां सूनी हो जाएंगी ओ बन्नो तेरे बिना
इस प्रकार सब के नाम लेते जाओ।
3. दादा से मिले, बन्नी दादी से मिले
(तर्ज :- मन डोले मेरा तन डोले)
दादा से मिले, बन्नी दादी से मिले, बन्नी रोए झारम झार रे, अब कौन बंधावे धीरज रे।
क्यूं रोये, बन्नी क्यूं मचले, तेरी बाहर खड़ी मोटर कार रे, अब कौन बंधावे धीरज रे।
नाना से मिले, बन्नी नानी से मिले, बनी रोय झारम झार रे, अब कौन बंधावे धीरज रे
नोट :- इस प्रकार सब का कहना।
4. मत करो मन को उदास
मत करो मन को उदास
मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी।
दादस अपनी को मैं दादी कहूँगी, दादी न आवैगी याद,
मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी।
सासू को अपनी मैं माता कहूँगी, तुम न आओगी याद,
मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी।
ससुर जी को अपने पिताजी कहूँगी, बाबुल न आएँगे याद,
मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी।
ननदी को अपनी मैं बहना कहूँगी, बहना न आएगी याद,
मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी।
5. बाबुल काहे को ब्याही परदेस…
बाबुल काहे को ब्याही परदेस…
हम तो बाबुल तोहरे अंगने की चिड़ियां,
ढेला मारै उड़ जाएँ,
काहे को ब्याही परदेस…
हम तो बाबुल तोहरे खूँटे की गइयाँ,
जिधर हाँको हँक जाएँ,
काहे को ब्याही परदेस…
हम तो बाबुल तोहरे कमरे की ईंटें,
जिधर चिनो चिन जाएँ,
काहे को ब्याही परदेस…
6. द्वारे पे बाजे शहनाई
द्वारे पे बाजे शहनाई, बन्नी की हो गई बिदाई
द्वारे पे बाबा रोवें, आंगन में दादी
पैरों पड़ा रोवे भाई, बहन मेरी हो गई पराई
द्वारे पे बाजे शहनाई, बन्नी की हो गई बिदाई
द्वारे पे पापा रोवें, आंगन में मम्मी
पैरों पड़ा रोवे भाई, बहन मेरी हो गई पराई
द्वारे पे बाजे शहनाई, बन्नी की हो गई बिदाई
द्वारे पे चाचा रोवें, आंगन में चाची
पैरों पड़ा रोवे भाई, बहन मेरी हो गई पराई
7. दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
(तर्ज़ – दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे)
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे, आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
मण्डप के नीचे बाबा खड़े रोवें
दादी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे , आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
मण्डप के नीचे पापा खड़े रोवें
मम्मी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे , आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
मण्डप के नीचे जीजा खड़े रोवें
दीदी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे, आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
मण्डप के नीचे भईया खड़े रोवें
भाभी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे,
8. आये जीजा जी लाये बराती, ले गये बनी को साथ
आये जीजा जी लाये बराती, ले गये बनी को साथ, देखो केसा रीत रिवाज।
जान नहीं पहचान नहीं, तू चली किसी के साथ, देखो कैसा रीत रिवाज।
दादा की प्यारी पोती, दादी की राजदुलारी।
पापा की प्यारी बेटी, मम्मी की राज कुमारी।
इन सबों को छोड़कर, ये चली आज ससुराल
देखो कैसा रीत रिवाज।
जान नहीं पहचान नहीं, तू चली किसी के साथ, देखो कैसा रीत रिवाज।
नोट :- इस प्रकार नाना-नानी, चाचा-चाची, मामा-मामी, मासा-मासी, बुआ-फूफा, ताऊ-ताई सबके नाम लेने है।
9. बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी
बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी
वहाँ सब ही पराये होगें, बन्नी तेरा न कोई होगा
सब अपनी ही अपनी कहेंगें, बन्नी तेरी न कोई सुनेगा
तब मम्मी की याद तुम्हें आएगी, बन्नी छुप छुप के आँसू बहाओगी
बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी
वहाँ सब ही पराये होगें, बन्नी तेरा न कोई होगा
सब अपनी ही अपनी कहेंगें, बन्नी तेरी न कोई सुनेगा
तब दीदी की याद तुम्हें आएगी, बन्नी छुप छुप के आँसू बहाओगी
बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी
वहाँ सब ही पराये होगें, बन्नी तेरा न कोई होगा
सब अपनी ही अपनी कहेंगें, बन्नी तेरी न कोई सुनेगा
तब भाभी की याद तुम्हें आएगी, बन्नी छुप छुप के आँसू बहाओगी
बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी