संसार की अधिकतर भाषाएँ नियमों और व्याकरण से बंधी हैं, लेकिन आम लोग चाहते हैं कि बोल चाल की भाषा में शुद्धता और नियमों का बंधन न हो. इन्हीं कारणों से संस्कृत से प्राकृत (पाली) और प्राकृत से हिंदी का जन्म हुआ. हिंदी में भी शुद्ध हिंदी के स्थान पर खिचड़ी भाषा अधिक प्रचलन में आई. संस्कृत से हिंदी में जो शब्द आए उन में से बहुत से शब्द अब अपभ्रंश रूप में प्रयोग होते हैं. इसके अतिरिक्त अरबी फ़ारसी और इंग्लिश के भी बहुत से शब्द हमारी बोलचाल की भाषा में इस प्रकार से समावेशित हो गए कि जैसे वे हिंदी के ही शब्द हों. बहुत से शब्द अलग अलग भाषाई क्षेत्रों में स्वत: उत्पन्न (indigenously) हुए हैं और स्थानीय भाषा (कठबोली , slang language) में बोले जाते हैं. इन में से बहुत से शब्द अशिष्ट भाषा के भी होते हैं. इनको बोलने वाली पिछली पीढ़ियों के साथ इस प्रकार के बहुत से शब्द अब विलुप्त होते जा रहे हैं.

जिन लोगों को भाषा के उद्गम और प्राचीन भाषा जैसे विषयों में रूचि हो उन के लिए संस्कृत से हिंदी में आए शब्द, स्थानीय भाषा के शब्द और इंग्लिश से हिन्दुस्तानी भषाओं में आए कुछ शब्द यहाँ दिए जा रहे हैं

  1. संस्कृत से हिंदी में आए शब्द (तत्सम – तद्भव)
  2. देसी भाषा के शब्द (slang language)
  3. इंग्लिश से हिंदी में आए शब्द