कहावत का अर्थ तो स्पष्ट है. इस को आसानी से समझाने के लिए एक कहानी कही जाती है. एक शिकारी जंगल में शेर का शिकार करने गया. शेर बहुत चालाक था. वह झाडियों की ओट से हमला करता और फिर छुप जाता. शिकारी भी मंजा हुआ था. वह पूरी सावधानी से उस की हर हरकत पर नजर रखता और अपने आपको शेर के हमले से बचाता. सफलता न मिलते देख शिकारी ने अपनी सहायता के लिए एक भालू को शहद खिला कर उस से दोस्ती कर ली. एक दिन शिकारी थक कर पेड़ के नीचे सोया था और भालू पास बैठ कर उस की रखवाली कर रहा था. एक मक्खी बहुत देर से शिकारी के मुँह पर बार बार बैठ जा रही थी. भालू बहुत देर तक उसे उड़ाता रहा. जब वह नहीं मानी तो भालू ने आव देखा न ताव मक्खी को मारने के लिए एक बड़ा सा पत्थर उठा कर शिकारी के मुँह पर दे मारा. बेचारा शिकारी बुद्धिमान शत्रु (शेर) के हाथों नहीं बल्कि मूर्ख मित्र (भालू) के हाथों मारा गया. इंग्लिश में कहावत है – A wise enemy is better than a foolish friend.
बुद्धिमान शत्रु से मूर्ख मित्र अधिक खतरनाक होता है.
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Apr