आजकल प्रयोग होने वाली हिंदी भाषा में बहुत से शब्द संस्कृत से आए हैं. कुछ शब्द जैसे थे वैसे ही प्रयोग होते हैं व कुछ शब्द अपभ्रंश रूप में प्रयोग होते हैं. मूल शब्द को हम तत्सम कहते हैं. तत्सम का अर्थ है तत् + सम अर्थात ‘ऐसा था’. अपभ्रंश (बिगड़े) रूप को तद्भव कहते हैं. तद्भव का अर्थ है तद् + भव अर्थात् ‘ऐसा हो गया’. यहाँ इस प्रकार के शब्दों का एक वृहत् संग्रह दिया गया है. आरम्भ में कुछ शब्दों के समूह बना कर लिखे गए हैं और अंत में सभी शब्द एक साथ वर्णक्रमानुसार लिख दिए गए हैं जिससे पाठकों को उन्हें खोजने में कठिनाई न हो.
तत्सम तद्भव
पशु पक्षियों के नाम
उलूक उल्लू
उष्ट्र ऊँट
ऋक्ष रीछ
कच्छप कछुआ
कपोत कबूतर
काग कौआ
कीट कीड़ा
कोकिला कोयल
गर्दभ गधा
गृध गिद्ध,गीध
गौ गाय
घोटक घोड़ा
चक्रवाक चकवा
टिट्टिभि टिटहरी
पपीहा पपैया
पक्षी पंछी,पाखी
बलिवर्द बैल,बधिया
भल्लूक भालू
भ्रमर भौंरा
मंडूक मेंढक
मकर मगर
मक्षिका मक्खी
मत्स्य मछली
मयूर मोर
मर्कटी मकड़ी
महिष भैंस
मूषक मूसा
मेष मेढ़ा, भेड़
लोमश लोमड़ी
वक बगुला
वत्स बच्चा, बछड़ा
वर्तक बटेर
वानर बंदर
विडाल बिल्ली
वृश्चिक बिच्छू
व्याघ्र बाघ
शुक सुग्गा,सुआ
शूकर सूअर
शृगाल सियार
सर्प सांप
सर्पिणी सांपिन
हस्ति हाथी
नाम और उपनाम
अलक्षेन्द्र (ग्रीक नाम Alexander) सिकन्दर
अवतार औतार
इंद्र इन्दर
उद्धव ऊधो
कर्ण करन
कृष्ण किशन
गोपेन्द्र गोविन्द
चतुर्वेदी चौबे
दैव दई,दइया
द्विवेदी दुबे
नारायण नरायन
पद्म पदम
परमेश्वरी परमेसरी
पूर्ण चन्द्र पूरन चंद
प्रसाद परशाद
बृह्म राक्षस बरमाकस
भीष्म भीकम, भीखम
भूषण शरण भूखन सरन
मत्स्येंद्रनाथ मछिंदर नाथ
माधव माधो
यम जम
यशोदा जसोदा
युगल जुगल
योगेन्द्र जुगिंदर
रावण रावड़
लक्ष्मण लखन
लक्ष्मी लछमी
लज्जावती लाजवंती
वज्रांग बजरंग
विश्वेश्वर बिसेसर
विश्वंभर बिशम्भर
विष्णु बिशन
वैद्यनाथ बैजनाथ
शत्रुघ्न शत्रुघन
शरण सरन
शूर्पणखा सूपनखा
सरस्वती सरसुती
सीता सिया
स्वरूप सरूप
हनुमान मानू (छोटे बच्चों की भाषा में बन्दर को मानू कहते हैं).
रिश्ते, नाते
अम्बा अम्मा,माँ
कुपुत्र कपूत
कुमार कुंवर,कुंवारा,
गर्भिणी गाभिन
ज्येष्ठ जेठ
ताततुल्य ताऊ
दौहित्र धेवता
द्विवर देवर
ननान्दा ननद
पितृ पिता
पुरुष पुरखा
पुत्र पूत
पुत्रवधू पतोहू
पौत्र पोता
पौत्र वधू पतोहू
पौत्री पोती
प्रपौत्र परपोता
भगिनी बहन, बहिनी
भर्ता भरतार, भतार
भाग्नेय भांजा, भनैज
भ्रातृ भ्राता, भाई
भ्रातृज भतीजा
मातृ माता, महतारी
वधू बहू
श्याल साला
श्याली साली
श्वश्रू सास, सासू
श्वसुर ससुर
सपत्नी सौतन,सौत
सम्बन्धी समधी
सुपुत्र सपूत
स्त्री तिरिया
खाने योग्य पदार्थ (फल, सब्जियाँ, अनाज, मेवे, मसाले, औषधियाँ)
अक्षोट अखरोट
अजमोदिका अजवाइन
अन्न अनाज
अम्लिका इमली
अरिष्ठ रीठा
अहिफेन अफीम
आम्र आम
आम्रचूर्ण अमचूर
आम्लक आंवला
आर्द्रक अदरख,
आर्द्रालुक आढू
आलुक आलू
इक्षु ईख
उदुम्बर अंजीर
कटु कड़वा
कदली केला
कपित्थ कैथा
कर्कटी ककड़ी
कषाय कसैला
कार्वेल्ल करेला
कुष्मांडक कुम्हड़ा
क्वाथ काढ़ा
क्षीर खीर
खर्जुर खजूर
खर्बुज खरबूजा
गृजंन गाजर
ग्रास गस्सा
गोजिव्हा गोभी
गोधूम गेहूँ
घृत घी
चणक चना
चूर्ण चूरन
जम्बू जामुन
तिक्त तीखा
तैल तेल
दधि दही
दाड़िम दारमी
दारुचिनी दालचीनी
दुग्ध दूध
दूर्वा दूब
द्राक्ष दाख
धान्य धान
धान्यक धनिया
नवनीत नोनी
नारंग नारंगी
नारिकेल नारियल
निम्ब नीम
निम्बु नीबू
पक्व पका
पक्वान्न पकवान
पालक्या पालक
पिप्पल पीपल
पिष्टि पिट्ठी
फलाहार फरारी
बदरिक,बदरी बेर
बिल्ब बेल
भिण्डिका भिण्डी
मरीच मिर्च
मिष्ट मीठा
मिष्टि मिठाई
मुदग मूंग
मूलक मूली
यव जौ
लवंग लौंग
लवण नमक
लशुन लहसुन
वृन्तक बैंगन
शर्करा शक्कर
शर्कराकंद शकरकंदी
शाक साग
शुण्ठिका सोंठ
श्रृंगाटक सिंघाड़ा
सत्व सत,सत्तू
ससर्प सरसों
सेव सेब
स्फटिक फिटकरी
हरिद्रा हल्दी
हरीतिकी हरड़,
हिंगु हींग
शरीर के अंग व सम्बंधित शब्द
अंगुलि उंगली
अंगुष्ठ अंगूठा
अंध अंधा
अक्षि आँख
अश्रु आंसू
आंत्र आंत
उच्छवास उसांस
ओष्ठ होंठ,ओंठ
कर्ण कान
कुष्ठ कोढ़
गात्र गात
ग्रंथि गाँठ
चंचु चोंच
जंघा जांघ
जिव्हा जीभ
जृम्भा जुम्हाई
दन्त दांत
दृष्टि दीठ
नख हरण नहरना,
नख नाखून
नस्या नस
नाभि नाभ,नाप
नासिका नाक
पुच्छ पूंछ
पृष्ठ पीठ
भ्रू, भृकुटी भौं
मस्तक माथा
मुंड मूढ़
मुष्टिका मुट्ठी
यकृत जिगर
रोम रोयाँ
विष्टा बीट
शिर सर
शीर्ष सीस
शुण्ड सूंड़
श्मश्रु मूंछ
श्रवण, श्रुणु सुनना
श्रृंग सींग
श्वास सांस
स्कन्ध कन्धा
स्तन थन
स्फोटक फोड़ा
हस्त हाथ
हृदय हिय, हिया
तिथियाँ
प्रतिपदा पड़वा
द्वितीया दूज
तृतीया तीज
चतुर्थी चौथ
पंचमी पांचे
षष्ठी छठ
सप्तमी आठे
अष्टमी आठे
नवमी नौमी
दशमी दसमी
एकादशी एकास्सी,इकास्सी
द्वादशी द्वास्सी
त्रयोदशी तेरस
चतुर्दशी चौदस
पूर्णिमा पूनम,पूनों
अमावस्या मावस
पक्ष पाख
क्रियाएं
उद्वेलन उबाल,उबालना
उद्वेलित उबलता
गणन गिनना
गर्जन गरजना
गायन गाना
गुंजन गूँजना
गुंजित गूँजता
घर्षण घिसना
घर्षित घिसा
घूर्णन घूमना,घुमाना
घूर्णित घूमता
चक्रण चकराना
चर्वण चबाना
चलन चलना
जागरण जागना,जगाना
जागृत जागता
झंकृत झनझनाता
टंकण टांकना
टंकित टंका
नर्तन नाचना
निर्गलन निगलना,लीलना
निर्वहन निबाहना,निभाना
पठन पढ़ना
पठित पढ़ा
प्रक्षालन पखारना
बंधन बांधना
मज्जन मांजना
रुदन रोना
लंघन लांघना
लुंचन नोचना
लेखन लिखना
वादन बजाना
विमोचन बांचना
वेधन भेदना,बींधना
शयन सोना
सज्जा सजाना
सज्जित सजा
समर्पण सौंपना
सिंचन सींचना
सिंचित सींचा
स्नान नहाना
स्फुटन फूटना
हरण हरना
विभिन्न व्यवसाय
कुम्भकार कुम्हार
कृषक किसान
कैवर्त केवट
ग्रामीण गंवार
गोपालक ग्वाला
चर्मकार चमार
चित्रकार चितेरा
तांबूलिक तमोली
नापित नाई
पन्यशालिक पंसारी
प्रहरी पहरुआ,पहरेदार
भिक्षुक भिखारी
मन्त्रकारी मदारी
मिश्रानी मिसरानी
मुख्य मुखिया
योद्धा जोधा
लौहकार लोहार
श्रेष्ठि सेठ
सारथि सारथी
सूत्रधार सुथार
स्कन्धभार कहार
स्वर्णकार सुनार
स्थानों के नाम
अक्षय चिन्ह अक्साई चीन
अयोध्या अजुध्या
कश्यप सागर कैस्पियन सागर
कामाक्षा कामाख्या
कूर्मांचल कुमाऊँ
गांधार कंधार
गोरक्षपुर गोरखपुर
त्रिविष्ट्क तिब्बत
पाटलीपुत्र पटना
बंगदेश बंगाल
ब्रह्म देश वर्मा,म्यांमार
मद्रदेश मद्रास
मधुरा मथुरा
मलय द्वीप मलाया,मलेशिया
म्लेच्छिस्थान बलूचिस्तान
मालद्वीप मालदीव्स
यमुना जमना
लवोहर लाहौर
लक्ष्मणपुर लखनऊ
वाराणसी बनारस
सरयू सरजू
सिंहपुर सिंगापुर
हरिद्रोही हरदोई
उत्सव एवं त्यौहार
होलिका होली
दीपावली दीवाली,दिवाली
कृष्ण जन्माष्टमी कन्हैया आठे
भ्रातृ पंचमी भाई पांचे
हरितालिका तृतीया हरियाली तीज
अक्षय तृतीया अखा तीज
वट अमावस्या बड़ मावस
राम नवमी राम नौमी
दुर्गाष्टमी देवी आठे
वैशाखी बैसाखी
हिंदी महीने
चैत्र चैत
वैशाख बैसाख
ज्येष्ठ जेठ
आषाढ़ असाढ़
श्रावण सावन
भाद्रपद भादों
आश्विन असोज (क्वार)
कार्तिक कातिक
मार्गशीर्ष मार्गशिश, अग्रहायण अगहन
पौष पूस
माघ माह,महा
फाल्गुन फागुन
भूमि, भवन एवं वास्तु
अट्टालिका अटारी
अर्घट्ट रहट
इष्टिका ईंट
कपाट किवाड़
किंकर कंकड़,कंकर
कूप कुआं
कोष्ठक कोठा
कोष्ठिका कोठरी
क्षेत्र खेत
गर्त गड्ढा
गृह घर,गेह
ग्राम गाँव
दीपदान दीवट
द्वार दर,दरवाजा
धरित्री धरती
धरित्री धरती
धूलि धूल
परिकोट,परिकूट परकोटा
पाषाण पाहन
पेटिका पेटी
प्रणाल परनाला
प्रस्तर पत्थर
प्रांगण आंगन
बालुका बालू
मृत्तिका मिटटी
लकुटि लकड़ी
लाक्ष लाख
शकट छकड़ा
रंग
लालिमा लाली
नील नीला
पीत पीला
हरित हरा
श्वेत सफेद
कालिमा कालापन
वासन्तिक बसंती
वस्त्राभूषण, धातुएँ आदि
अंगवस्त्र अंगरखा,अंगोछा,अंगिया
अन्गुष्ठिका अंगूठी
कंकण कड़े,कंगन
कपर्दिका कौड़ी
कर्पट कपड़ा
कर्षपट्टिका कसौटी
कांस्य कांसा
ताम्र तांबा
पारद पारा
यज्ञोपवीत जनेऊ
रक्तिका रत्ती
रूप्यक रुपया
लौह लोहा
शाटिका साड़ी
स्वर्ण सोना
हीरक हीरा
अँधेरा, उजाला
सूर्य सूरज
चंद्र चाँद
तारक तारा
नक्षत्र नखत
दीप दिया,दीवा
वर्तिका बाती,बत्ती
अंधकार अँधेरा,अँधियारा
रात्रि रात
चंद्रिका चांदनी
ज्योति जोत
उज्ज्वल उजला, उजाला
प्रज्ज्वलित जलता,पजलता
ऋतू और समय
वर्षा वारिश,बरसात
ग्रीष्म गर्मी,गरमी
शरद सर्द,सर्दी
शताब्दी सदी
युग जुग
कलियुग कलजुग
वर्ष बरस
ऋतु रुत
द्विप्रहर दोपहर
संध्या सांझ, संझा
सायं शाम
रात्रि रात
प्रहर पहर
अस्त्र, शस्त्र
परशु फरसा
कुठार कुल्हाड़ा
दंड डंडा
छुरिका छुरी
कृपाण किरपान
जातियाँ
ब्राह्मण बामन,बिरहमन
वणिक बनिया
राजपुत्र राजपूत
पंडित पांडे,पांड़े,पंडा,
कुछ विशेषण
बधिर बहरा
निष्ठुर निठुर
निकृष्ट निखट्टू
अपादहस्त अपाहिज
दुर्बल दुबला
श्यामल सांवला
गौर गोरा
कुब्ज कुबड़ा
अंध अंधा
पिपासु प्यासा
वुभुक्षु भूखा
अनार्य अनाड़ी
दिशाएँ
पूर्व पूरब
पश्चिम पच्छिम,पच्छम
दक्षिण दक्खिन,दक्खन,दांया
वाम बायाँ
उच्च ऊँचा
वर्ण क्रमानुसार
तत्सम तद्भव
- अंगवस्त्र अंगरखा,अंगोछा,अंगिया
- अंगार अंगारे
- अंगीठी अग्नीष्टिका, अग्निपेटिका
- अंगुलि उंगली
- अंगुष्ठ अंगूठा
- अंचल आँचल
- अंजलि अंजली, अंजुरी
- अंड अंडा
- अंध अंधा
- अंधकार अँधेरा,अँधियारा
- अग्नि अगन
- अक्षत अच्छत
- अक्षय चिन्ह अक्साई चीन
- अक्षय तृतीया अखा तीज
- अक्षर आखर
- अक्षि आँख
- अक्षोट अखरोट
- अगणित अनगिनत
- अगम्य अगम
- अग्र आगे
- अग्रहायण अगहन (नवां हिंदी महीना)
- अजमोदिका अजवाइन
- अज्ञानी अजान,अनजान
- अट्टालिका अटारी
- अद्य आज
- अनार्य अनाड़ी
- अन्गुष्ठिका अंगूठी
- अन्ते, अंत:पुर अंदर
- अन्न अनाज
- अन्य परश्व नरसों, अनरसों
- अन्यत्र अन्त
- अपशकुन असगुन
- अपादहस्त अपाहिज
- अभ्र अबर
- अमावस्या मावस
- अमूल्य अमोल, अनमोल
- अम्बा अम्मा,माँ
- अम्लिका इमली
- अयोध्या अजुध्या
- अरिष्ठ रीठा
- अवसर औसर
- अर्क आक, अरख
- अर्घट्ट रहट
- अर्ध आधा
- अलक्षेन्द्र (Alexander) सिकन्दर
- अवतार औतार
- अश्रु आंसू
- अष्टमी आठे
- अहिफेन अफीम
- आंत्र आंत
- आभीर अहीर
- आम्र आम
- आम्रचूर्ण अमचूर
- आम्र रस अमरस
- आम्लक आंवला
- आरात्रिका आरती
- आर्द्रक अदरख,
- आर्द्रालुक आढू
- आलस्य आलस
- आलुक आलू
- आशा आस
- आश्चर्य अचरज
- आश्रय आसरा
- आश्विन असोज (क्वार)
- आषाढ़ असाढ़
- इंद्र इन्दर
- इक्षु ईख
- इष्टिका ईंट
- ईर्ष्या रीस
- उच्च ऊँचा
- उच्छवास उसांस
- उज्ज्वल उजला, उजाला
- उड्डयन उड़ान
- उत्पत्ति उपज
- उत्साह उछाह
- उदुम्बर अंजीर
- उद्धव ऊधो
- उद्यमी ऊधमी
- उद्वर्तन उबटन
- उद्वेलन उबाल,उबालना
- उद्वेलित उबलता
- उपरि ऊपर
- उपल ओला
- उपालम्भ उलाहना
- उलूक उल्लू
- उलूखल ओखली
- उष्ट्र ऊँट
- ऊर्णा ऊन
- ऋक्ष रीछ
- ऋतु रुत, रितु
- ऋषि रिषी
- एकल अकेला
- एकादशी एकास्सी,इकास्सी
- ऐक्य एका
- ओष्ठ होंठ,ओंठ
- कंकण कड़े,कंगन
- कंटक काँटा
- कंडोल: कंडिया (लकड़ी की टोकरी)
- कंपन कांपना
- कच्छप कछुआ
- कज्जल काजल
- कटु कड़वा
- कथन कहना
- कथावृत्त कहावत
- कदली केला
- कदापि कतई
- कपटिक कपटी
- कपर्दिका कौड़ी
- कपाट किवाड़
- कपित्थ कैथा
- कपोत कबूतर
- कर्कटी ककड़ी
- कर्ण करन
- कर्ण कान
- कर्तन काटना
- कर्तनी कैंची
- कर्ता करतार
- कर्पट कपड़ा
- कर्पास कपास
- कर्पूर कपूर
- कर्महीन कमीन
- कर्षपट्टिका कसौटी
- कलिका कली
- कलियुग कलजुग
- कश्यप सागर कैस्पियन सागर
- कषाय कसैला
- कांस्य कांसा
- काग कागा, कौआ, काक
- कागद कागज
- काण काना (कौवे को भी कहते हैं)
- कामाक्षा कामाख्या
- कार्पण्य कंजूसी
- कार्तिक कातिक
- कार्य कारज,काज
- कार्वेल्ल करेला
- कालिमा कालापन
- काष्ठ काठ
- काष्ठ पुतलिका कठपुतली
- कास खांसी
- किंकर कंकड़,कंकर
- कीट कीड़ा
- कीर्ति कीरत
- कुक्कुट कुकड़ा (मुर्गा)
- कुक्कुटी कुकड़ी (मुर्गी)
- कुठार कुल्हाड़ा
- कुपुत्र कपूत
- कुब्ज कुबड़ा
- कुमार कुंवर,कुंवारा,
- कुम्भकार कुम्हार
- कुलक्षणी कुलच्छनी
- कुष्ठ कोढ़
- कुष्मांडक कुम्हड़ा
- कुक्षि कोख
- कूजन कूकना
- कूप कुआं
- कूर्चिका कूची
- कूर्दन कूदना
- कूर्मांचल कुमाऊँ
- कृतगृह कचहरी
- कृपाण किरपान
- कृषक किसान
- कृष्ण जन्माष्टमी कन्हैया आठे
- कृष्ण किशन
- कैवर्त केवट
- कोकिला कोयल
- कोण कोना
- कोष्ठक कोठा
- कोष्ठिका कोठरी
- क्रीत खरीदा
- क्रोधी कोही
- क्लेश कलेश, कलेस
- क्वाथ काढ़ा
- खनन खोदना
- खर्जुर खजूर
- खर्बुज खरबूजा
- खादन खाना
- खाद्य खाद
- गणन गिनना
- गर्जन गरजना
- गर्त गड्ढा
- गर्दभ गधा
- गर्भिणी गाभिन
- गलन गलना
- गहन घना
- गांधार कंधार
- गात्र गात
- गायन गाना
- गुण गुन
- गुणित,गुणा, गुणा, गुणक गुना
- गुंजन गूँजना
- गुंजित गूँजता
- गुलिका गोली
- गृजंन गाजर
- गृध गिद्ध,गीध
- गृह घर,गेह
- गोजिव्हा गोभी
- गोधिका गोह
- गोधूम गेहूँ
- गोपालक ग्वाला
- गोपेन्द्र गोविन्द
- गोरक्षपुर गोरखपुर
- गोलक गुल्लक
- गोवर्ज्य गोबर
- गोस्वामी गुसाईं
- गौ गाय
- गौर गोरा
- ग्रंथि गाँठ
- ग्राम गाँव
- ग्रामीण गंवार
- ग्रास गस्सा
- ग्राहक गाहक
- ग्रीष्म गर्मी,गरमी, घाम
- घंटिका घंटी
- घट घड़ा
- घन, गहन घना
- घर्षण घिसना
- घर्षित घिसा
- घूर्णन घूमना,घुमाना
- घूर्णित घूमता
- घृणा घिन
- घृत घी
- घोटक घोड़ा
- चंचु चोंच
- चंद्र चाँद, चंद
- चंद्रिका चांदनी
- चक्र चक्कर, चाक
- चक्रण चकराना
- चक्रत चकराता
- चक्रवाक चकवा
- चणक चना
- चतुर्गुणित चौगुना
- चतुर्थी चौथ
- चतुर्दशी चौदस
- चतुर्वेदी चौबे
- चतुष्कोण चौकोर
- चतुष्पद, चतुष्पदिका चौकी
- चमस चम्मच
- चयन चुनना
- चरण चरन
- चलन चलना
- चरित्र चरित, चरित्तर
- चर्म चाम
- चर्मकार चमार
- चर्वण चबाना
- चलन चलना
- चिक्कण चिकना
- चित्रकार चितेरा
- चीत्कार चीख
- चुम्बन चुम्मा
- चूर्ण चूरन
- चूषण चूसना
- चैतन्य चितंत
- चैत्र चैत
- चौर्य चोरी
- छत्र छाता, छत
- छिद्र छेद
- छुरिका छुरी
- छेदन छेदना
- छाया छाँह
- जंघा जांघ
- जन्म जनम
- जन्मपत्रिका जनमपत्री
- जन जने
- जनन जनना
- जनवास जनबासा
- जम्बू जामुन
- जव जौ
- जागरण जागना,जगाना
- जागृत जागा,जागता
- जानाति जानता
- जामाता जमाई
- जाय: , जाता: जाया (उत्पन्न किया हुआ)
- जिव्हा जिभ्या, जीभ
- जीर्ण झीना
- जुष्ट झूठा
- जृम्भा जुम्हाई
- ज्येष्ठ जेठ
- ज्योति जोत
- ज्योतिषी जोतसी, जोशी
- ज्वलन जलना
- झंकृत झनझनाता
- झटिति झट
- झष झख (मछली)
- टंकण टांकना
- टंकशाला टकसाल
- टंकित टंका
- टिट्टिभि टिटहरी
- तांबूलिक तमोली
- ताततुल्य ताऊ
- ताम्र तांबा
- तारक तारा
- तिक्त तीखा
- तिथिवार त्यौहार
- तिर्यक तिरछा
- तीर्थ तीरथ
- तीक्ष्ण तीखा
- तुंद तोंद
- तृण तिनका
- तृतीया तीज
- तैल तेल
- तैलप तिलचट्टा
- त्वं तुम
- त्वरित तुरन्त
- दंड डंडा
- दंतधावन दातौन
- दंश डंक, डंसना
- दक्षिण दक्खिन,दक्खन,दांया
- दद देना
- दधि दही
- दन्त दांत
- दंष्ट्रा दाढ़
- दर्शन देखना
- दरिद्र दलिद्दरी
- दशमी दसमी
- दाड़िम दारमी
- दारिद्र्य दलिद्दर
- दारुचिनी दालचीनी
- दाह डाह
- दीप दिया,दीवा
- दीपदान दीवट
- दीपावली दीवाली,दिवाली
- दीपशलाका दियासलाई
- दुग्ध दूध
- दुर्गाष्टमी दुर्गा आठे, देवी आठे
- दुर्बल दुबला
- दूरवीक्षण दूरबीन
- दूर्वा दूब
- दृष्टि दीठ
- दैव दई,दइया
- दोहन दुहना
- दौहित्र धेवता
- द्यूत जुआ
- द्राक्ष दाख
- द्वंद्व दुंद
- द्वादशी द्वास्सी
- द्वार दर,दरवाजा
- द्विगुणित दुगुना,दोगुना
- द्वितीया दूज
- द्विपट दुपट्टा
- द्विप्रहर दोपहर
- द्विवर देवर
- द्विवेदी दुबे
- धनश्रेष्ठि धन्ना सेठ
- धनिक धनी
- धरण धरना, धारण करना
- धरित्री धरती
- धर्म कर्म धरम करम
- धर्म धरम
- धवल धौला, धुला
- धान्य धान
- धान्यक धनिया
- धात्री दाई
- धूम्र धुंआ
- धूलि धूल, धूर
- धैर्य धीरज
- धौत्र धोती
- धृष्ट ढीठ
- धृष्टता ढिठाई
- ध्वनि धुन
- नक्षत्र नखत
- नख हरण नहरना,
- नख नाखून
- नग्न नंगा
- ननान्दा ननद
- नर्तन नाचना
- नयन नैन
- नव नया
- नवनीत नोनी
- नवमी नौमी
- नष्ट नसना, नसाय, नसै,
- नस्या नस
- नक्षत्र नखत
- नागफणि नागफनी
- नापित नाई
- नाभि नाभ,नाप
- नारंगक नारंगी
- नारायण नरायन
- नाश नास, नासै
- नारिकेल नारियल
- नालिका नाली
- नासिका नाक
- निकृष्ट निखट्टू
- निघाती निहाई
- निद्रा नींद
- निमन्त्रण नेवता,न्यौता
- निम्ब नीम
- निम्बु नीबू
- नियम नेम
- निराहार निहार
- निर्गलन निगलना,लीलना
- निर्झर झरना
- निर्वहन, निर्वाह निबाहना,निभाना
- निवृत्त निबट, निच्चू
- निष्ठुर निठुर
- नील नीला
- नृत्य नाच
- नृसिंह नरसिंह, नरसिंघ
- पंक्ति पांत, पंगत
- पंचमी पांचे
- पंडित पांडे,पांड़े,पंडा,
- पक्व पका
- पक्वान्न पकवान
- पक्ष पाख
- पक्षी पंछी,पाखी
- पटल पलड़ा
- पट्टिका पट्टी
- पठन पढ़ना
- पठित पढ़ा
- पत्र पत्ता
- पत्र,पत्रिका पाती
- पद्म पदम
- पन्यशालिक पंसारी
- पर पराया
- परकम्मा परिक्रमा
- परमेश्वरी परमेसरी
- परशु फरसा
- परश्व परसों
- परिकोट,परिकूट परकोटा
- परिक्रमा परकम्मा
- परीक्षा परख
- परीक्षण परखना
- पर्यंक पलँग
- पश्च पीछे , पाछे
- पश्चाताप पछतावा
- पश्चिम पच्छिम,पच्छम
- पाचन पचना
- पाटलीपुत्र पटना
- पारद पारा
- पालक्या पालक
- पाषाण पाहन
- पाश फांस
- पितृ पिता
- पिपासा प्यास
- पिपासु प्यासा
- पिप्पल पीपल
- पिष्टि पिट्ठी
- पीड़ा पीर
- पीत पीला
- पुच्छ पूंछ
- पुत्तलिका पुतली
- पुत्र पूत
- पुत्रवधू पतोहू
- पुराण पुराना
- पुरातन पुराना
- पुरुष पुरखा
- पूजन पूजना
- पूर्ण चन्द्र पूरन चंद
- पूर्ण पूरा,पूरन
- पूर्णिमा पूनम,पूनों
- पूर्व पूरब
- पृच्छ पूछना
- पृष्ठ पीठ
- पेटिका पेटी
- पुष्कर पोखर
- पौत्र पोता
- पौत्र वधू पतोहू
- पौत्री पोती
- पौष पूस
- प्रकट प्रगट,परगट
- प्रक्षालन पखारना
- प्रज्ज्वलित जलता,पजलता
- प्रणाल परनाला
- प्रत्यभिज्ञान पहचान
- प्रतिच्छाया परछाई
- प्रतिपदा पड़वा
- प्रपौत्र परपोता
- प्रफुल्लित फूला
- प्रसाद परशाद
- प्रस्तर पत्थर
- प्रहर पहर
- प्रहरी पहरुआ,पहरेदार
- प्रहेलिका पहेली
- प्रांगण आंगन
- प्रिय पिय.पिया
- प्रेत पलीत
- फलाहार फरारी
- फाल्गुन फागुन
- बंकिम बांका
- बंगदेश बंगाल
- बंधन बांधना
- बटोही बटाऊ
- बदरिक,बदरी बेर
- बद्ध बंधा
- बधिर बहरा
- बम्ब बांबी
- बलिवर्द बैल,बधिया
- बालुका बालू
- बिंदु बिंदी, बूंद
- बिल्ब बेल
- बृह्म राक्षस बरमाकस
- ब्रह्म देश वर्मा,म्यांमार
- ब्राह्मण बामन,बिरहमन
- भक्त भगत
- भगिनी बहन, बहिनी
- भजन भजना
- भर्ता भरतार, भतार
- भल्लूक भालू
- भक्षण भखना
- भाग्नेय भांजा, भनैज
- भाग्य भाग
- भाद्रपद भादों
- भिक्षा भीख
- भिक्षुक भिखारी
- भिण्डिका भिण्डी
- भिल्ल भील
- भीष्म भीकम, भीखम
- भुक्त भुगत
- भूषण भूखन
- भूषण शरण भूखन सरन
- भ्रम भरम
- भ्रमर भौंरा
- भ्रातृ पंचमी भाई पांचे
- भ्रातृ भ्राता, भाई
- भ्रातृज भतीजा
- भ्रू, भृकुटी भौं
- मंडूक मेंढक
- मंद मद्दा
- मंत्र मन्तर
- मकर मगर
- मक्षिका मक्खी
- मज्जन मांजना, मंजन
- मण्डप मंडवा
- मत्त मस्त
- मत्स्य मछली
- मत्स्येंद्रनाथ मछिंदर नाथ
- मद्रदेश मद्रास
- मधुरा मथुरा
- मधु मक्षिका मधु मक्खी
- मनुष्य मानुस
- मन्त्रकारी मदारी
- मयूर मोर
- मरण मरना
- मरीच मिर्च
- मर्कटी मकड़ी
- मर्म मरम
- मलय द्वीप मलाया,मलेशिया
- मशक मच्छर
- मस्तक माथा
- महिष भैंसा
- माघ माह,महा
- मातृ माता, महतारी
- माधव माधो
- मार्ग मारग, मग
- मार्गशीर्ष मार्गशिश (अधिकतर लोग इसे अगहन बोलते हैं))
- मालद्वीप मालदीव्स
- मालिका माला
- मित्र मीत,मित्तर
- मिष्ट मीठा
- मिष्टि मिठाई
- मिश्रानी, मिश्राणी मिसरानी
- मुंड मूढ़, मुंडी
- मुक्ता मोती
- मुख्य मुखिया
- मुदग मूंग
- मुषल मूसल
- मुष्टिका, मुष्टि मुट्ठी
- मूर्ख मूरख
- मूर्ति मूरत
- मूलक मूली
- मूल्य मोल
- मूषक मूसा
- मृत मरा,मुआ
- मृत्तिका मिटटी
- मृत्यु मौत
- मेघ मेंह,मेह
- मेष मेढ़ा, भेड़
- मौक्तिक मोती
- म्लेच्छ मलेछ
- म्लेच्छिस्थान बलूचिस्तान
- यंत्र जन्तर
- यंत्र मंत्र जंतर मंतर
- यकृत जिगर
- यजमान जजमान
- यज्ञोपवीत जनेऊ (बहुत से लोगों को यह गलत लगेगा. वास्तव में ‘ज्ञ’ को हम लोग ‘ग्य’ पढ़ते हैं जबकि प्राचीन भाषा में यह ‘ज्न’ होता है. इस प्रकार यज्ञोपवीत को यज्नोपवीत पढ़ना चाहिए)
- यत्न जतन
- यम जम
- यमुना जमना
- यव जौ
- यश जस
- यशोदा जसोदा
- यातु जादू
- युक्ति जुगत
- युग जुग
- युगल जुगल
- युवा जवान
- यूथ जत्था
- योग जोग, जोड़ (योग माने जोड़ना भी होता है)
- योगी जोगी
- योगेन्द्र जुगिंदर
- योद्धा जोधा
- यौवन जोवन,जवानी,
- रक्तिका रत्ती
- रक्षासूत्र राखी.रक्खा
- राजपुत्र राजपूत
- रात्रि रात
- रात्रि अंधता रतौंधी
- राम नवमी राम नौमी
- रावण रावड़
- रिक्त रीता
- रिक्ष रीछ
- रुक्ष रूखा
- रुग्ण रोगी
- रुदन, रोदन रोना
- रुष्ट रूठा
- रुक्ष रूखा
- रूप्यक रुपया
- रोम रोयाँ
- लंघन लांघना
- लकुटि लकड़ी
- लग्न लगन, लगुन
- लक्षण लच्छन
- लक्ष्मण लखन
- लक्ष्मणपुर लखनऊ
- लक्ष्मी लछमी
- लज्जा लाज
- लज्जावती लाजवंती
- लद्दुक लड्डू
- लम्ब लम्बा
- लवंग लौंग
- लवण नमक
- लवोहर लाहौर
- लशुन लहसुन
- लक्ष लाख (गिनती वाला)
- लाक्ष लाख (जो सील लगाने के काम आता है)
- लाक्षागृह लाखामंडप
- लालिमा लाली
- लिप्सा लिपिस्या
- लुंचन नोचना
- लेखन लिखना
- लेपन लीपना
- लोक लोग
- लोमश लोमड़ी
- लौह लोहा
- लौहकार लोहार
- वंश बांस, (वंश का दूसरा अर्थ है खानदान)
- वक बगुला
- वक्र बांका
- वज्रांग बजरंग
- वट अमावस्या बड़ मावस
- वणिक बनिया
- वत्स बच्चा, बछड़ा
- वधू बहू
- वर्तक, वर्तकी बटेर
- वर्तिका बाती,बत्ती
- वर्धन बढ़ना
- वर्ष बरस
- वर्षा वारिश,बरसात
- वल्कल बक्कल
- वसन्त बसंत
- वाणिज्य बनज
- वाणी बैन
- वादन बजाना
- वाद्य बाजा
- वानर बंदर
- वाम बायाँ
- वायु बाऊ
- वाराणसी बनारस
- वाष्प भाप
- वासन्तिक बसंती
- विडाल बिल्ली
- विभूति भभूत
- विमोचन बांचना
- विरल बिरली
- विवाह ब्याह
- विक्षोभ बिछोह
- विश्वंभर बिशम्भर
- विश्वेश्वर बिसेसर
- विष्टा बीट (पक्षियों की विष्टा के लिए प्रयोग किया जाता है)
- विष्णु बिशन
- वीणा, वेणु बीन
- वुभुक्षा भूख
- वुभुक्षु भूखा
- वृद्ध बूढ़ा
- वृद्धावस्था बुढ़ापा
- वृद्धि बढ़त,बढ़ोतरी,बढ़ती
- वृन्तक बैंगन
- वृश्चिक बिच्छू
- वृष्टि वारिश
- वृहत बड़ा
- वृक्ष बिरछा, रुक्ख
- वेधन भेदना,बींधना
- वेणी बेनी
- वैद्यनाथ बैजनाथ
- वैशाख बैसाख
- वैशाखी बैसाखी
- व्यंग्य व्यंग
- व्याघ्र बाघ
- व्याधि व्याधा
- षडयंत्र खड़यंत्र
- शकट छकड़ा
- शक्ति सख्ती
- शक्न सकना
- शकुन सगुन
- शत सौ
- शताब्दी सदी
- शत्रुघ्न शत्रुघन
- शब्द सबद
- शयन सोना
- शरण सरन
- शरद सर्द,सर्दी
- शर्करा शक्कर
- शर्कराकंद शकरकंदी
- शलाका सलाई
- शाक साग
- शाटिका साड़ी
- शारदा सारद
- शालिग्राम सालिगराम
- शिक्षा सीख
- शिर सर
- शिला सिल
- शिष्य सिख
- शीर्ष सीस, शीश
- शुक सुग्गा,सुआ
- शुक्ति सीपी, सीप
- शुण्ठिका सोंठ
- शुण्ड सूंड़
- शुष्क खुश्क,सूखा
- शूकर सूअर
- शून्य सुन्न
- शूर्प सूप
- शूर्पणखा सूपनखा
- शृगाल सियार, स्याल
- शैया सेज
- शोभित सोहे
- शोषण सुखाना
- श्मशान शमशान,मसान
- श्मश्रु मूंछ
- श्यामल सांवला
- श्याल साला
- श्याली साली
- श्रवण, श्रुणु सुनना
- श्रावण सावन
- श्रृंखला सांकल
- श्रृंग सींग
- श्रृंगाटक सिंघाड़ा
- श्रेष्ठि सेठ
- श्वश्रू सास, सासू
- श्वसुर ससुर
- श्वसुरालय ससुराल
- श्वास सांस
- श्वेत सफेद
- षत्कार छक्का
- षष्ठी छठी
- संकुचन सिकुड़न, सिकुड़ना
- संगति संगत
- संध्या सांझ, संझा
- संयोग संजोग
- सघन घना
- सज्जा सजावट
- सज्जित सजा
- सत्व सत,सत्तू
- सपत्नी सौतन,सौत
- सप्तमी आठे
- सप्तशती सतसई
- समुद्र समंदर
- समर्पण सौंपना
- सम्बन्धी समधी
- सरयू सरजू
- सरस्वती सरसुती
- सर्प सांप
- सर्पिणी सांपिन
- सर्व सब
- ससर्प सरसों
- सायं शाम
- सारथि सारथी
- सिंचन सींचना
- सिंचित सींचा
- सिंहपुर सिंगापुर
- सीता सिया
- सुघ्राण सूंघना
- सुपुत्र सपूत
- सुषुप्त, सुप्त सोया हुआ
- सूची सुई
- सूत्र सूत
- सूर्य सूरज
- सेव सेब
- सुगन्धित सोंधी
- सुथार सूत्रधार
- सुप्त सोया
- सुवर्ण सोबरन
- सूची सुई
- सौभाग्य सुहाग
- स्कन्ध कन्धा
- स्कन्धभार कहार
- स्तन थन
- स्नान नहाना
- स्नेह नेह
- स्नेही सनेही
- स्पर्श परस
- स्फटिक फिटकरी
- स्फुटन फूटना
- स्फूर्ति फुर्ती
- स्फोटक फोड़ा
- स्मरण सुमिरन, सिमरन
- स्रोत सोता
- स्वप्न सपना, सुपना
- स्वर सुर (सुर देवताओं को भी कहते हैं)
- स्वरूप सरूप
- स्वर्ग सुरग, सरग
- स्वर्ण सोना
- स्वर्णकार सुनार
- स्वाद सवाद
- स्वामी साईँ
- स्त्री तिरिया
- हनुमान मानू (इसीलिए छोटे बच्चे बंदर को मानू कहते हैं)
- हरण हरना
- हरित हरा
- हरितालिका तृतीया हरियाली तीज
- हरिद्रा हल्दी
- हरिद्रोही हरदोई
- हरीतिकी हरड़,
- हस्त हाथ
- हस्ति हाथी
- हास्य हँसी, हास
- हिंगु हींग
- हीरक हीरा
- हृदय हिय, हिया
- होलिका होली
- क्षण खन
- क्षमा छमा, छिमा
- क्षार खार
- क्षीर खीरा
- क्षुर छुरी, खुर
- क्षेत्र खेत
- क्षोभ छोह
- त्रयोदशी तेरस
- त्रिकोण तिकोन,तिकोना
- त्रिविष्ट्क तिब्बत
- हिंदी की अधिकतर गिनती संस्कृत शब्दों का अपभ्रंश है.
- त्रिगुणित तिगुना
- एक एक, इक
- प्रथम पहला
- द्वि, द्वौ दो
- द्वितीय दूसरा
- त्रीणि, त्रय तीन
- तृतीय तीसरा
- चत्वार चार
- चतुर्थ चौथा
- पंच पाँच
- पंचम् पाँचवां
- षट छह
- षष्टम् छटवां
- सप्त सात
- सप्तम् सातवाँ
- अष्ट आठ
- अष्टम् आठवाँ
- नव नौ
- नवं नवमाँ, नौमा
- दश दस
- दशम् दसवाँ
- ग्यारह से अट्ठारह तक की हिंदी गिनती एकादश से अष्टदश तक की संस्कृत गिनती का अपभ्रंश नहीं लगती. हिंदी की गिनती में ग्यारह, बारह, तेरह आदि में रह की ध्वनि आती है जबकि संस्कृत के एकादश, द्वादश, त्रयोदश आदि में दश की.
- एकोनविंश, उन्विंश उन्नीस
- विंश बीस
- एकाविंशति इक्कीस
- द्वाविंशति बाईस
- त्रयोविंशति तेईस,तेवीस
- चतुर्विंशति चौबीस
- पञ्चविंशति पच्चीस
- षड्विन्शति छब्बीस
- सप्तविंशति सत्ताईस
- अष्टविंशति अट्ठाईस
- एकोनत्रिंश,उन्त्रिंश उन्तीस
- त्रिंश तीस
- एकत्रिंश इकतीस
- द्वात्रिंश बत्तीस
- त्रयत्रिंश तैंतीस
- चतुश्त्रिंश चौतीस
- पञ्चत्रिंश पैंतीस
- षट्त्रिंश छत्तीस
- सप्तत्रिंश सैंतीस
- अष्टत्रिंश अड़तीस
- एकोनचत्वारिंश उन्तालीस
- चत्वारिंश चालीस
- एकचत्वारिंश इकतालीस
- द्विचत्वारिंश बयालीस
- त्रयचत्वारिंश तैंतालीस
- चतुश्चत्वारिंश चौवालिस
- पञ्चचत्वारिंश पैंतालिस
- षट्चत्वारिंश छयालिस
- सप्तचत्वारिंश सैंतालिस
- अष्टचत्वारिंश अड़तालिस एकोनपञ्चाश उन्चास,उनन्चास
- पञ्चाश पचास
- एकपञ्चाश इक्यावन
- द्विपञ्चाश बावन
- त्रिपञ्चाश तिरपन
- चतुःपञ्चाश चौवन
- पञ्चपञ्चाश पचपन
- षट्पञ्चाश छप्पन
- सप्तपञ्चाश सत्तावन
- अष्टपञ्चाश अट्ठावन
- एकोनषष्ठि उन्सठ
- षष्ठि साठ
- एकषष्ठि इकसठ
- द्विषष्ठि बासठ
- त्रिषष्ठि तिरसठ
- चतुःषष्ठि चौंसठ
- पञ्चषष्ठि पैंसठ
- षट्षष्ठि छियासठ
- सप्तषष्ठि सडसठ
- अष्टषष्ठि अडसठ
- उनहत्तर से अठत्तर तक की संख्याएं संस्कृत के शब्दों से अलग हैं. हिंदी गिनती में उन्हत्तर, इकहत्तर, बहत्तर, तिहत्तर आदि में हत्तर की ध्वनि आती है जबकि संस्कृत के शब्दों में सप्तति आता है (एकोनसप्ततिः, सप्ततिः, एकसप्ततिः, द्विसप्ततिः, त्रिसप्ततिः, चतुःसप्ततिः, पञ्चसप्ततिः, षट्सप्ततिः, सप्तसप्ततिः, अष्टसप्ततिः). इसके बाद अशीति आता है जिससे अपभ्रंश हो कर अस्सी बना है.
- एकोनाशीति उन्यासी
- अशीति अस्सी
- एकाशीति इक्यासी
- द्वशीति बयासी
- त्र्यशीति तिरासी
- चतुरशीति चौरासी
- पञ्चाशीति पिच्यासी
- षडशीति छियासी
- सप्ताशीति सत्तासी
- अष्टाशीति अट्ठासी
- एकोननवति नवासी
- नवति नब्बे
- एकनवति इक्यानवे
- द्विनवति बानवे
- त्रिनवति तिरानवे
- चतुर्नवति चौरानवे
- पञ्चनवति पंचानवे
- षण्णवति छियानवे
- सप्तनवति सत्तानवे
- अष्टनवति अट्ठानवे
- नवनवति (एकोनशतम्) निन्यानवे
- शत सौ
- सहस्त्र से हजार बना हो ऐसा नहीं लगता है.
- लक्ष लाख
- कोटि करोड़, कोड़
- अर्बुद अरब
- खर्व खरब