यह कहावत एक कहानी पर आधारित है. एक व्यक्ति की नाक धोखे से कट गई. उसे बड़ी चिंता हुई कैसे सबको मुंह दिखाएगा. फिर उसने सोचा कि यदि सब नकटे हो जाएं तो उसे कोई नहीं चिढ़ाएगा. उसने सबसे कहना शुरू किया कि नाक कटने के बाद उसे स्वर्ग दिखाई दे रहा है. कुछ लोग उसकी बातों में आ गये और स्वर्ग देखने के लालच में उन्हों ने भी नाक कटवा ली. जब उन्हें स्वर्ग नहीं दिखा तो उन्होंने उस नकटे से शिकायत की. तो नकटे ने उन सब से कहा कि अगर तुम्हें बेइज्जती से बचना है तो सब से कहो कि तुम्हें भी स्वर्ग दिख रहा है जिससे बाकी सब लोग भी अपनी नाक कटा लें. अगर कोई धूर्त व्यक्ति स्वयं नुकसान उठाने के बाद दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुँचाना चाहे तो यह कहावत कही जाती है.
एक नकटा सौ को नकटा करे
20
Apr