Uncategorized

अतिसय लोभ बकुल ने कीन्हा, छन में प्राण केकड़ा लीन्हा

बकुल – बगुला. एक बूढा बगुला मछली पकड़ने में असमर्थ हो गया तो उसने एक योजना बनाई. वह तालाब के किनारे बैठ कर आंसू बहाने लगा. अन्य जीवों ने जब इस का कारण पूछा तो उस ने कहा कि अगले तीन वर्ष भयंकर अकाल पड़ेगा. इस तालाब का पानी सूख जाएगा और सारे जीव जन्तु मर जाएंगे. सब जंतु डर गए और बगुले से इसका उपाय पूछा. बगुले ने कहा कि यहाँ से थोड़ी दूर पर एक बहुत बड़ा तालाब है जिसका जल कभी नहीं सूखता. तुम लोग चाहो तो मैं एक एक कर के तुम सब को वहाँ पहुँचा दूँ. मैं बूढा हो गया हूँ अत: एक दिन में एक ही चक्कर लगा पाऊंगा. सारे जलजन्तु इसके लिए तैयार हो गए. अब बगुला एक एक को ले कर जाता और थोड़ी दूर पर एक चट्टान पर बैठ कर आराम से उसे चट कर जाता. एक दिन एक केकड़े की बारी आई. बगुला उसे गले में लटका कर ले चला. जब वे उस चट्टान के पास पहुँचे तो चट्टान पर हड्डियों का ढेर देख कर केकड़े को शक हुआ. उसने बगुले से पूछा तो बगुले ने हँस कर उसे हकीकत बता दी. केकड़े ने तुरंत उस की गर्दन दबा दी जिससे वहीं उस के प्राण पखेरू उड़ गए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *